नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर से नए वेज कोड (New Wage Code ) को लेकर सक्रिय होती नजर आ रही है । सूत्रों का कहना है कि सरकार इस नए वेज कोड को लेकर प्रस्तावित नियमों में कुछ बदलाव के साथ आगामी अक्तूबर में इसे लागू कर सकती है । प्रस्तावित नियमों को लेकर इंडस्ट्रीज की ओर से कुछ चिंताएं जताई गईं थी , जिनपर सरकार मंथन कर रही है। इस सबके बाद अब साफ हो रहा है कि नया Wage Code लागू होगा तो कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव हो सकता है । हालांकि यह बदलाव कर्मचारियों की सैलरी के हिसाब से सब पर अलग अलग होगा ।
विदित हो कि सरकार ने गत 1 अप्रैल से New Wage Code लागू करने की तैयारी थी, लेकिन उस दौरान इसे टाल दिया गया था । कुछ राज्यों ने साफ कर दिया था कि वह अभी इसे लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं ।
जानिए आखिर क्या है वेज कोड
- आपको बता दें कि वेज कोड 2019 के मुताबिक , कर्मचारी की बेसिक सैलरी टोटल सैलरी या कॉस्ट टू कंपनी (CTC) का 50 परसेंट होनी चाहिए।
- नियमों के मुताबिक , किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी CTC की 50 फीसदी से कमन नहीं हो सकती ।
- हालांकि मौजूदा समय में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों की बेसिक सैलरी कम रखती हैं और भत्तों की संख्या ज्यादा रहती है ।
- हालांकि नया वेज कोड के लागू होने पर अभी कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी ।
- कंपनियों को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी CTC का 50 परसेंट या इससे ज्यादा रखनी होगी ।
- ऐसी स्थिति में दूसरे कंपोनेंट जैसे प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी के योगदान पर भी असर पड़ेगा ।
- जहां कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का परसेंट ज्यादा होने पर PF का योगदान भी बढ़ेगा और ग्रेच्युटी की रकम भी ज्यादा कटेगी । ऐसा इसलिए क्योंकि ये दोनों ही कंपोनेंट बेसिक सैलरी पर ही कैलकुलेट होते हैं ।
- इसके साथ ही जब PF और ग्रेच्युटी का योगदान बढ़ेगा तो कर्मचारियों की 'टेकहोम सैलरी' कम हो जाएगी ।
- हालांकि ऐसे लोगों को रिटायर होने पर PF और ग्रेच्युटी की रकम ज्यादा मिलेगी ।
भत्तों में होगी कटौती
आपको बता दें कि किसी कर्मचारी के CTC में उसकी बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स PF और ग्रेच्युटी और कुछ टैक्स फ्रेंडली भत्ते , मसलन LTC और एंटरटेनमेंट भत्ते होते हैं । लेकिन नया वेज कोड लागू हुआ तो कंपनियों को अपने यहां सैलरी के स्ट्रक्चर को दोबारा से बनाना होगा । कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि CTC में शामिल ये सभी भत्ते 50 परसेंट से ज्यादा न हों । क्योंकि बाकी 50 परसेंट सिर्फ बेसिक सैलरी का होगा । ऐसे में कंपनियों को कुछ भत्तों में कटौती करनी पड़ सकती है, जो कि थोड़ा ज्यादा होंगे ।
ज्यादा सैलरी वालों को झटका!
इस नए वेज कोड से भले ही मध्यम सैलरी वालों को ज्यादा असर न पड़े , लेकिन ऊंची सैलरी वालों को इस नए वेज कोड से जरूर झटका लगेगा । असल में कंपनियों ने ज्यादा सैलरी वालों को बेसिक सैलरी से ज्यादा भत्ते निर्धारित किए हुए हैं । नए नियम लागू होने पर कंपनियों को ऊंची सैलरी वालों के भत्तों में कटौती करनी होगी । ऊंची सैलरी वालों का PF योगदान भी ज्यादा कटेगा और ग्रेच्युटी भी ज्यादा कटेगी । इस सबके चलते उनकी टेक होम सैलरी काफी कम हो जाएगी । इतना ही नहीं भत्ते ज्यादा मिलने के चलते अभी जो कम टैक्स उन्हें चुकाना पड़ता था , वहीं अब ऐसा नहीं हो सकेगा । पहले जहां कुल CTC में बेसिक पे का हिस्सा 25-40 परसेंट होता था, अब 50 परसेंट से कम नहीं होगा. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक सैलरी रीस्ट्रक्चरिंग की वजह से ऊंची सैलरी वाले कर्मचारियों टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाएगी, क्योंकि उनका बेसिक पे 50 परसेंट होगा और भत्तों के जरिए टैक्स बचाने के रास्ते कम हो जाएंगे।